आजकल, जैविक खेती का प्रतिष्ठान तेजी से बढ़ रहा है। खासकर भारत में, किसान जैविक खेती की ओर बढ़ रहे हैं क्योंकि इसके कई सारे लाभ हैं। इस ब्लॉग में, हम जानेंगे कि जैविक खेती में तेजी से बढ़ती पॉपुलैरिटी के पीछे के कारण क्या हैं और इसके क्या-क्या लाभ हो सकते हैं।
कारण:
स्वास्थ्यपरक लाभ: जैविक खेती में उपयोग होने वाले उर्वरक और कीटनाशक मिनिमल होते हैं, जिसके कारण उत्पादों में हानिकारक रसायनों की कमी होती है। इससे खेती के उत्पाद स्वास्थ्यपरक और पौष्टिक बनते हैं, जो आजकल के स्वास्थ्य-संवेदनशील लोगों के लिए आकर्षक होते हैं।
पर्यावरण का संरक्षण: जैविक खेती में रसायनिक उर्वरकों का कम इस्तेमाल होने से मिट्टी और पानी का प्रदूषण कम होता है, जिससे पृथ्वी के पर्यावरण का संरक्षण होता है।
बेहतर उत्पाद गुणवत्ता: जैविक खेती में प्राकृतिक तरीकों से खेती की जाती है जिससे उत्पादों की गुणवत्ता बेहतर होती है। यह उत्पादों का स्वाद और पौष्टिकता बढ़ाता है, जिससे उनकी मांग भी बढ़ती है।
सामाजिक संजागरण: जैविक खेती के लाभों की जागरूकता बढ़ने से किसान उनमें रुचि दिखाते हैं और इसके परिणामस्वरूप उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार होता है।
लाभ:
स्वास्थ्यकर खाद्य: जैविक खेती से उत्पादित फल, सब्जियां और अन्य खाद्य पदार्थ स्वास्थ्यकर होते हैं, क्योंकि इसमें हानिकारक रसायन नहीं होते।
पर्यावरण संरक्षण: जैविक खेती में उपयोग होने वाले उर्वरक पृथ्वी को हानि नहीं पहुँचाते और पानी का प्रदूषण कम करते हैं।
मिलावट के बिना: जैविक खेती में उत्पादों में मिलावट नहीं होती, जिससे खाद्य पदार्थों की पुष्टि गारंटी होती है।
किसानों की आर्थिक सुरक्षा: जैविक खेती से किसान अधिक मूल्य प्राप्त करते हैं, क्योंकि उनके उत्पादों की मांग बढ़ती है।जैविक खेती की तेजी से बढ़ती पॉपुलैरिटी का कारण उसके स्वास्थ्यपरक और पर्यावरण संरक्षण से संबंधित लाभों में है। यह न केवल हमारे स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है, बल्कि पूरे परिवार और समुदाय की आर्थिक स्थिति को भी सुधारता है। इसी दिशा में, यहाँ पर आप और जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।